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परेशानी बनाम सफलता का मौका

अभी एक परेशानी गयी नहीं कि दो और आ गयीं | यह मेरे साथ ही क्यों होता है | मगर मैंने पाया - ऐसा सब के साथ होता है | कुछ के साथ तो बहुत बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं हुई थीं |

यह कहना कि "जो होता है, अच्छे के लिए होता है" मात्र दिलासा देने की बात नहीं है अपितु १००% सत्य है | मैं अपना खुद का अनुभव बताता हूँ| बात सन २००५ अगस्त की है| मेरे बेटे की तबियत काफी ख़राब हो गयी| मैं उसे उस वक़्त के सी.जी.एच.एस मान्यता प्राप्त संत परमानन्द हस्पताल ना ले जाकर सैंट स्टीफेंस हस्पताल ले गया| वजह - संत परमानन्द हस्पताल वाले फाल्तू में भर्ती करने को कहते थे| अगर मैं उसे संत परमानन्द हस्पताल ले गया होता और वोह भर्ती करने को कहते तो मैं उसे घर वापस ले आता और कुछ भी हो सकता था| इसलिए मैं बिना खर्चे की चिंता करे सैंट स्टीफेंस ले गया (जो सी.जी.एच.एस में नहीं था) और वहां के डॉक्टर के कहने पर भर्ती भी कर दिया| और मैंने बहुत अच्छी बात सीखी जो यह है -

जो हो रहा है, वह अच्छे के लिए हो रहा है| इसमें अच्छा क्या है, कुछ समय बाद खुद पता लग जाता है| या यूँ भी सोच सकते हैं कि कोई बड़ी परेशानी छोटी हो कर है| कुछ बड़ा भी हो सकता था|

रोबिन शर्मा नें अपनी एक पुस्तक में कुछ इस तरह लिखा है:-

सिर्फ मृत लोगों को परेशानी नहीं आती | परेशानी तो सफलता पाने का एक मौका है| परेशानी को एक चुनौती की रूप में स्वीकारो और स्वयं में अथवा ईश्वर में आस्था रखते हुए भर्सक प्रयतन करके उसमे खरे उतरो|

अगर उपरोक्त सीख पर अमल करेगें तो परेशानी ऐसे घायब हो जायेगी जैसे IODEX लगाते ही दर्द !

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